हसरतें जिद्दी औलाद सी होती है…
और जिंदगी मजबूर माँ सी..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हसरतें जिद्दी औलाद सी होती है…
और जिंदगी मजबूर माँ सी..!
वहाँ तक तो साथ चलो ,जहाँ तक साथ मुमकिन है ,
जहाँ हालात बदल जाएँ , वहाँ तुम भी बदल जाना …
जिस कदर मेरी ख्वाहिशों की पतंग उड़ रही है,
एक न एक दिन कटकर लूट ही जानी है….
बदल जाती हो तुम ….. कुछ पल साथ बिताने के
बाद……
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा…
समंदर बेबसी अपनी किसीसे कह नहीं सकता,
हजारों मील तक फैला है फिर भी बह नहीं सकता !!
दर्द मीठा हो तो रुक -रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम -थम के करार आता है।
बिन तुम्हारे कभी नही आयी
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है|
जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
उसे भरम है अभी के वो नादान जीतेगा।
जो सच्चा होगा वही मेरी जान जीतेगा ।
तू डरता क्यूँ है इन झूठ के सौदागरों से ।
जंग जब भी होगी दावा है ईमान जीतेगा।।
हम मरेगें भी तो उस अंदाज से,
जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरसते है।