सारे मुसाफिरों से ताल्लुक निकल पड़ा
गाड़ी में इक शख्स ने अखबार क्या लिया…
Category: Quotes
पुछा उसने मुझे
पुछा उसने मुझे कितना प्यार करते हो…
मै चुप रहा यारो क्योकि मुझे तारो
की गिनती नही आती|
सारे गमों को
सारे गमों को पैर से ठुकरा देते है
हम उदास हो तो, बस मुस्कुरा देते है|
बात का ज़ख्म है
बात का ज़ख्म है तलवार के ज़ख़्मो के सिवा ।
कीजे क़त्ल मगर मुँह से कुछ इरशाद न हो ।।
मिल सको तो बेवजाह मिलना…
कभी मिल सको तो बेवजाह मिलना….,
वजह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज़ कितने मिलते है…!
आ कहीं मिलते हे
आ कहीं मिलते हे हम ताकि बहारें आ ज़ाए,
इससे पहले कि ताल्लुक़ में दरारें आ जाए…
बहुत बरसों तक
बहुत बरसों तक वो कैद में रहने वाला परिंदा,
नहीं गया उड़कर जब कि सलाखें कट चुकी थी…
परिंदे बे-ख़बर थे
परिंदे बे-ख़बर थे सब पनाहें कट चुकी हैं,
सफ़र से लौट कर देखा कि शाख़ें कट चुकी हैं…
सज़ा ये दी है
सज़ा ये दी है कि आँखों से छीन लीं नींदें,
क़ुसूर ये था कि जीने के ख़्वाब देखे थे…
हर एक इसी उम्मीद मे
हर एक इसी उम्मीद मे चल रहा है जी रहा है,
कुछ को उसुलो ने रोक रखा है कुछ को कुसूरो ने…