मैं तुझमें ही

मैं तुझमें ही छुप छुप के तेरी आँखें पढता हूँ….
कौन तुझे यूँ प्यार करेगा जैसे मैं करता हूँ|

जाने क्या था..

जाने क्या था.. जाने क्या है जो मुझसे छूट रहा है..

यादें कंकड़ फेंक रही हैं और दिल अंदर से टूट रहा है|

समझदारी इसी में

समझदारी इसी में है की, कभी भी उस व्यक्ति पर पूरा भरोसा मत कीजिये,
जिससे आप एक बार भी धोखा खा चुके हो !!