हो सके तो दिलों में रहना सीखो,
गुरुर में तो हर कोई रहता है…
Category: Quotes
सियाही फैल गयी
सियाही फैल गयी पहले, फिर लफ्ज़ गले,
और एक एक कर के डूब गए..
ये भी क्या सवाल हुआ
ये भी क्या सवाल हुआ कि इश्क़ कितना चाहिए,
.दिल तो बच्चे की तरह है मुझे थोड़ा नहीं सब चाहिए !!
आँखों की दहलीज़ पे
आँखों की दहलीज़ पे आके सपना बोला आंसू से…
घर तो आखिर घर होता है…
तुम रह लो या मैं रह लूँ….
फ़साना ये मुहब्बत का
फ़साना ये मुहब्बत का है अहसासों पे लिख जाना….
छलकते जाम चाहत के मेरी प्यासों पे लिख जाना…
तेरे कूचे में
तेरे कूचे में उम्र भर ना गए…सारी दुनिया की ख़ाक छानी है…
जरूरी नहीं की
जरूरी नहीं
की हर बात पर
तुम मेरा कहा मानों,
दहलीज पर रख दी है चाहत,
आगे तुम जानो….
किस से पूछूँगा
किस से पूछूँगा खबर तेरी…
कौन बतलायेगा निशान तेरा…
बिछड़कर फिर मिलेंगे
बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था…
बेशक ख्वाब ही था मगर.. हसीन कितना था…
मुकद्दर की लिखावट
मुकद्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा हो,
देर से क़िस्मत खुलने वालों का दुगुना फ़ायदा हो।