वक्त ही नहीं मिलता दु:खी होने का..
क्योंकि उम्मीद ही नहीं करता मैं ज्यादा खुशी की..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वक्त ही नहीं मिलता दु:खी होने का..
क्योंकि उम्मीद ही नहीं करता मैं ज्यादा खुशी की..
तन्हाई इस क़दर रास आ गयी है अब मुझको
साया भी अपना साथ हो तो भीड़ सी लगती है …..
इतने प्यार से चाहा जाए तो पत्थर भी अपने हो जाते हैँ..
न जाने ये मिट्टी के इंसान इतने मगरूर क्यो होते हैँ.!
हम तो जो लिख देते है, तो बस लिख देते है….
हमेँ तो ना रिश्ते बदलने आते है ना अल्फाज!!
अगर इश्क़ हुआ अगले जनम भी तो तुझसे
ही होगा..!
मेरे इस नादान दिल को तुझ पर भरोसा ही इतना
है…
मैं तेरा कोई नहीं मगर इतना तो बता
ज़िक्र से मेरे, तेरे दिल में आता क्या है?
यूँ तेरा मुस्कुरा कर मुझे देखना
.
मानो जैसे सब कुछ कुबूल है तुझे….
नज़र अंदाज़ उन्हे करू जो नज़र के सामने बैठे हैं..
उनका क्या करू जो दिल मे छुपे बैठे हैं…..!!
बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी
रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है।।
थोडा इंतज़ार कर लेती पगली………!
वक्त खराब था हमारा दिल थोड़ी