क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर,
रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर,
रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!
काश ये दिल शीशे का होता..
कम से कम तोड़ने वाले के हाथ मे ज़ख़्म तो होता |
मेरे बाद किसी को अपना बना के देखना
तेरी ही धड़कन कहेगी उसकी वफा मॆ कूछ और बात थी…
मरने का मज़ा तो तब है,
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये |
दिल से ज़्यादा महफूज़ जगह नहीं दुनिया में
पर सबसे ज़्यादा लापता लोग यहीं से होते है|
मेरी शायरियोँ से तंग आ जाओ, तो बता देना मुझे,
वैसे भी मुझे नफरत पसन्द है,
मगर दिखावे का प्यार नही..!!
मैं क्या जानूँ दर्द की कीमत ?
मेरे अपने मुझे मुफ्त में देते हैं !
रफ्तार कुछ जिंदगी की यू बनाये रखी हैहमने..
कि दुश्मन भले आगे निकल जाए पर दोस्त कोई पिछे ना छुटेगा.
लोग कहते हैं कि मेरी पसंद खराब है
लेकिन फिर भी मैं तुम्हें पसंद करता हूं।
अपने कमाए हुए पैसों से खरीदो,
शौक अपने आप कम हो जायेंगे..!!