ना नूर थे ना रंग फिर भी दिल ये कायल,इस मोहब्त का क्या पता क्या सोचकर हो जाये…….
Category: Quotes
पहले तो यूं ही
पहले तो यूं ही गुज़र जाती थी,
मोहब्बत हुई तो रातों का एहसास हुआ !
मुझे उस जगह से
मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है;
जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ…
उनकी हया का आलम
उनकी हया का आलम तो देखिये,ख्वाब मे भी चिलमन से झांकते हैं…
लोग हमारे बारे में
लोग हमारे बारे में क्या सोचते
है….
ये भी अगर हम सोचेंगे
तो लोग क्या सोचेंगे.?.?.
एक अजीब सा
एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैं … हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना .. हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं|
कितनी अजीब है
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हज़ारो लोग है मगर फिर भी कोई उस जैसा नहीं.
तू मुझे गुनहगार
तू मुझे गुनहगार साबित करने की
ज़हमत ना उठा..
बस ये बता, क्या-क्या कुबूल करना है…
मतलब निकल जाने पर
मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नहीं,
रिश्ता उनकी नज़र में कल का अखबार हो गया.. !!
हाल ए दिल
हाल ए दिल अपना उनको सुनाए कैसे
मै कितना बिखरा हूँ उनको बताए कैसे
दिन भर तो मेरी मसक्कत मे बीत जाते है
रात का ये मंजर मै उनको दिखाए कैसे
अब तोअपने भी मुँह मोड लेते है मुझसे
तुम भी मेरे अपने हो ये समझाए कैसे
अब तो दीवाना ए आलम ऐसी बढी है
सपनो पे भी वो ही छाए है बतलाए कैसे
मेरा अब हाल बडा ही बोझिल है यारो
अब किसी से गम ए दिल दिखलाए कैसे