जो बात मेरे गाँव मेरी गली मेरे घर में है।
उसके जैसा कुछ भी कहाँ तेरे शहर में है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो बात मेरे गाँव मेरी गली मेरे घर में है।
उसके जैसा कुछ भी कहाँ तेरे शहर में है।
हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में
ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं
लेकिन ये सूरज की किरणें हमें
आने वाले पल का संकेत देती हैं
खुली बाहों से इनका सत्कार करो
यही तो जीवन में रंग भरती हैं |
मुहब्बत मुकम्मल होती तो ये रोग कौन पालता….!!!!
अधूरे आशिक ही शायर हुआ करते हैं….!!!!
ख्वाब मत बना मुझे, सच नहीं होते,
साया बना लो मुझे, साथ नहीं छोडेंगे..
वो मुझे मेहंदी लगे हाथ दिखा कर रोई,
मैं किसी और की हूँ बस इतना बताके रोई!
सब आते है खैरियत पूछने,
तुम आ जाओ तो ये नौबत ही न आए!!
पलको पर रूका है समन्दर खुमार का,कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का..
ज़िंदगी में याददाश्त कमज़ोर होना भी कोई बुरी बात नहीं,
बड़े बेचैन रहते हैं वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती है..
मोहब्बत के लिये अब तेरी मौजूदगी ज़रूरी नहीं यारा …
ज़र्रे-ज़र्रे में तेरी रूह का अहसास होता है …!!
जाओ माफ किया आज हमने तुम्हें,
अब खुद को माफ कर सको तो कर लेना..