हारने के बाद इंसान नहीं टूटता…..
हारने के बाद लोगों का रवय्या उसे टूटने पर मज़बुर करता है…..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हारने के बाद इंसान नहीं टूटता…..
हारने के बाद लोगों का रवय्या उसे टूटने पर मज़बुर करता है…..
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं,
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता !!
न पूछा कर औरो से हाल मेरा..
.ए बेवफा ..,
इतनी ही फ़िक्र होती तो ..तू साथ होती.. तेरी यादे नहीं…
कभी यूँ भी हुआ है हंसते-हंसते तोड़ दी हमने…
हमें मालूम नहीं था जुड़ती नहीं टूटी हुई चीज़ें..!!
अब कहां दुआओं में वो बरकतें,…वो नसीहतें …वो हिदायतें,
अब
तो बस जरूरतों का जुलुस हैं …मतलबों के सलाम हैं
तुम्हारी क़िताबों में
कोई नशा है क्या,
पढते पढते सो जाती हो |
मयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहीं।
यहाँ सिर्फ़ क़दम लड़खड़ाते हैं, ज़मीर नही।
बदलेंगे नहीं ज़ज्बात मेरे तारीखों की तरह,
बेपनाह इश्क करने की ख्वाहिश उम्र भर रहेगी
मुहब्बत अगर चेहरा देख कर होती
तो यकीन मानो तुम से कभी नही होती
दाग़ दुनिया ने दिए, ज़ख़्म ज़माने से मिले
हमको तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले|