रात तकती रही आंखो मे ,
दिल आरजू करता रहा कोई
बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रात तकती रही आंखो मे ,
दिल आरजू करता रहा कोई
बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा
शायरी उसी के लबों पर
सजती है साहिब…,
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो ..!
खुद पर हो विश्वास
और हो कर्म पर आस्था…
फिर कितनी भी हो मुश्किलें
मिल ही जाता है रास्ता…!!!
जीवन में यही देखना महत्वपूर्ण नहीं कि कौन हमसे आगे है या कौन पीछे,
यह भी देखना चाहिए कि कौन हमारे साथ है और हम किसके साथ..!!!
कितनी खूबसूरत बात..
अगर भगवान नहीं हैं तो जिक्र क्यों. ..?
और
अगर भगवान हैं तो फिर फिक्र क्यों??
किस बात पे रूठा है पता चले तो मनाऊं उसे
वो रूठ तो जाता है लेकिन शिकायत नहीं
करता.
दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमो को
ज़िन्दगी बहुत भगाती हैं, बचपन गुजरने के बाद…
कहाँ मिलता है कभी
कोई समझने वाला ….
जो भी मिलता है,
समझा के चला जाता है |
निगाहें फेर कर जो हमसे
दूर बैठे हैं
इधर भी देखिये ज़रा
हम बेक़सूर बैठे हैं.!!!!
ना जिद कर, अपने हद में रहा कर ए-दिल,
कुछ रिश्तों की उमर ही छोटी होती
हैं..