ये साहिल पर बिखरे हुए फूल
उफ्फ्फ
न जाने आज फिर किसकी मोहब्बत डूब गयी………
Category: Nice Shayari
जिंदगी उलझी पड़ी है
मैं भूला नहीं हूँ किसी को…
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ………
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है …..
2 वक़्त की रोटी ढूंढने में। ….
Khud Hi Soch
tere siva me kisi or ka kese ho skta hu,
tu khud hi soch tere jesa koi or h kya
तारीफ़ करें खुदा
औकात क्या जो लिखूं नात आका की शान में।
खुद तारीफ़ करें खुदा मुस्तफ़ा की कुरान में।
और कीड़े पड़ेंगे देखना तुम उसकी ज़बान में।
गुस्ताख़ी करता हैं जो मेरे आका की शान मे।
मुझे भी कुछ
मुझे भी कुछ गहरा सा..!!
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ऐ बेवफा
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जिसे कोई भी पढे., समझ बस तुम सको..!!
जिन्दगी की जेब
बार बार रफू करता रहता हूँ
जिन्दगी की जेब…
कम्बखत फिर भी निकल जाते हैं
खुशियों के कुछ लम्हें…
ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही
ख़्वाहिशों का है…..
ना तो किसी को गम चाहिए और,
ना ही किसी को कम चाहिए….!!!