कितना मेहरबान था

वो कितना

मेहरबान था,कि हजारों गम दे गया यारों,
हम कितने खुदगर्ज

निकले,कि कुछ ना दे सके,
मोहब्बत के सिवा….

कामयाब लोग

कामयाब लोग ” अपने फेसले ” से दुनिया बदल देते हे !! और नाकामयाब
लोग दुनिया के डर से “अपने फेसले ” बदल लेते हे !!

इंतजार कर रहा हूँ

थोडा उत्सुक

हूँ ,थोडा डर रहा हूँ ।
तेरे आने का इंतजार कर रहा हूँ ।
उछाल कर के

सिक्का ख्वाबों का ।
मैं अपनी किस्मत को पढ रहा हूँ ।

लफ्ज़ो से तरावट

लफ्ज़ो से तरावट जा नही सकती,

लहज़े में बनावट आ नही सकती, ये सिला है माँ बाँप की दुआओ का

“साहिल”,
तेरे कामों में कभी रुकावट आ नही सकती ।।