ज़िन्दगी सुन तू यही पे रुकना…!!
हम हालात बदल के आते है….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़िन्दगी सुन तू यही पे रुकना…!!
हम हालात बदल के आते है….
राख बेशक हूँ मगर मुझ में हरकत है अभी भी..
जिसको जलने की तमन्ना हो..हवा दे मुझको…
करवट बदलने का क्या फायदा,
इस तरफ भी तुम, उस तरफ भी तुम……
हर लम्हे को कैद हैं इन आँखों में
ये रात की ख़ामोशी में दिखाई देते हैं
लेकिन ये सूरज की किरणें हमें
आने वाले पल का संकेत देती हैं
खुली बाहों से इनका सत्कार करो
यही तो जीवन में रंग भरती हैं |
बहुत झुका हुआ जब आसमान होता है
तो सर उठाना भी इक इम्तहान होता है|
फैसला होने से पहले मैं भला क्युं हार मानुं;
जंग अभी जीता नहीं, मैं अभी हारा नहीं!
गले लगा के मुझे पूछ मसअला क्या है
मैं डर रहा हूँ तुझे हाल-ए-दिल सुनाने से
तुम मेरे साथ चलो सब को दिखाने के लिये,
फिर किसी मोड़ पर चुपके से जुदा हो जाना !!
सुनो …
दिल शरारत पर उतर आया है …
कहो तो …महफ़िल में नाम ले लूँ तुम्हारा !!!
अंदाज़ बदलने लगते हैं होठों पे शरारत होती है,
नजरों से पता चल जाता है जिस दिल में मोहब्बत होती है…