ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते लेकिन,
कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!
Category: Mosam Shayri
तुम्हारी बेरूखी ने
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की ,
तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहा जाते।
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…
एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!
जो जले थे हमारे लिऐ
जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये,
कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..
ग़लत को हम ग़लत कहते
ग़लत को हम ग़लत कहते इसी कहने की कोशिश में
सियासत ने अंधेरों में हमारी हर ख़ुशी रख दी ।
तुम्हें भूले पर
तुम्हें भूले पर तेरी यादों को ना भुला पाये;
सारा संसार जीत लिया बस एक तुम से ना हम जीत पाये;
तेरी यादों में ऐसे खो गए हम कि किसी को याद ना कर पाये;
तुमने मुझे किया तनहा इस कदर कि अब तक किसी और के ना हम हो पाये।
कितनी है कातिल ज़िंदगी
कितनी है कातिल ज़िंदगी की ये आरज़ू,
मर जाते हैं किसी पे लोग जीने के लिये।
ये भी क्या सवाल हुआ
ये भी क्या सवाल हुआ कि इश्क़ कितना चाहिए,
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दिल तो बच्चे की तरह है मुझे थोड़ा नहीं सब चाहिए !!
तेरे हर ग़म को
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ;
ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ;
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी;
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ।
हमारे बिन अधूरे तुम
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे,
कभी चाहा था किसी ने,तुम ये खुद कहोगे..