अचानक सामने पाकर कहीं सांसें ना रुक जाएं ,
…
मेरी आँखों से अपना हाथ हटाना आहिस्ता आहिस्ता ।
Category: Mosam Shayri
शादियों का सीजन
शादियों का सीजन शुरू हो गया है।
अब न जाने कितनो की मोहबत किसी और की हो जायेगी
किसी को अपना बनाना
किसी को अपना बनाना हुनर ही सही
किसी के बन के रहना कमाल होता है |
कागज़ों पे उतरती हैं
कुछ तो मन और आँखों में पलती हैं
कहानियाँ सब कहाँ कागज़ों पे उतरती हैं…
MANZIL BHI USKI
MANZIL BHI USKI THEE,RASTA BHI USKA THAA,
EK MEIN AKELA THAA, KAFILA BHI USKA THAA.
SAATH-SAATH CHALNE KI SOOCH BHI USKI THEE,
PHIR RASTA BADALNE KA KHAYAL BHI USKA THAA,
AAJ DIL YEH SAWAAL KARTA HAI,LOOG TO USKE THEEY
KYA KHUDA BHI USKA THAA
आ ज़ा फिर से
आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं….
कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!
Ruki hui thi
Ruki hui thi meri
sans mere sine me …
use gale na lagate to ghut ke mar jate….
Taqdeer se har
Taqdeer se har shaks ne hissa paaya..
Mere hisse me tere saath ki hasraat reh gaai..!
जब सब तेरी
जब सब तेरी मरजी से होता है….
ऐ खुदा………………………………….
तो तेरा ये बन्दा गुनहगार कैसे हो गया……
डोर लम्बी हो
डोर लम्बी हो तो मतलब यह
नहीं की पतंग ऊपर तक
जाएगी,
उड़ाने का तरीक़ा आना चाहिए,
दौलत ज़्यादा का मतलब सफल जीवन
नही,
जीने का सलीक़ा आना चाहिए..!!!