कहीं किसी रोज यूँ भी होता, हमारी हालत तुम्हारी होती
जो रात हम ने गुजारी मर के, वो रात तुम ने गुजारी होती…
Category: Mosam Shayri
तेरे गुरूर को देखकर
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने,
जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह…!!
हम रोने पे आ जाएँ
हम रोने पे आ जाएँ तो दरिया ही बहा दें,
शबनम की तरह से हमें रोना नहीं आता…
रंग उन अनकही बातो का
रंग उन अनकही बातो का
आज भी हरा है
जाने कितने पतझड बीत गये….
कुछ देर के सवालो मे..
उलझा उनको कुछ देर के सवालो मे..!
हमने जी भर के देख लिया उनको..!!
बस तेरी ख़ामोशी जला देती है
बस तेरी ख़ामोशी जला देती है मेरे दिल को ,
बाकी सब अंदाज़ अछे है तेरी तस्वीर के . . .
हवा के साथ बहने का मज़ा
हवा के साथ बहने का मज़ा लेते हैं वो अक्सर,
हवा का रुख़ बदलने का हुनर जिनको नहीं आता।
मोहब्बत का राज
मोहब्बत का राज उस वक़्त खुल गया,
दिल जब उसकी कसम खाने से मुकर गया।
बदन के घाव दिखा कर
बदन के घाव दिखा कर जो अपना पेट भरता है,
सुना है, वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है!
ज़बान कहने से
ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना,
ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !!