दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ,
कहा है उसने
“देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ,
कहा है उसने
“देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”
अगर होता है इत्तेफ़ाक, तो यूँ क्यों नहीं होता !!
_______तुम रास्ता भूलो…और मुझ तक चले आओ..
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी………!
ये रूहानी मुहब्बत है कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाये………!
मंजर का पसमंजर देख सहरा बीच समंदर देख……….!
एक पल अपनी ऑंखें मूंद एक पल अपने अंदर देख…………!
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके
वफादारी की नौबत आ गई है….
ये बुजदिलों की तरह आधा अधूरा इश्क़ हमसे
नहीं होता ..
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हम जब भी करेंगे मोहब्बत बेइन्तहां ही होगी.
जिनके दिल बहुत अच्छे होते हैं … .
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अक्सर उन्हीं की किस्मत खराब होती है ।
हमें लिख कर किसी कागज में महफूज कर लो,
लगता है हम तुम्हारी याददाश्त से निकलते जा रहे है..!!!
क़ायनात की सब महंगी चीज़ एहसास है,
जो दुनिया के बहुत से अमीर लोगों के पास भी नहीं होता…!!
हर कोई चाहता है कि सब उसकी
तारीफ़ करें
पर ?
यह इच्छा अंतिम संस्कार वाले दिन ही पूरी होती है