कुछ पाया था

कुछ पाया था, कुछ खोया था ….!
बस ये सोच के दिल बहुत
रोया था ….!
पर आज ये सोचकर खामोश है हम,
कि जो खोया था क्या सच में
कभी पाया था…

चाँद ने की होगी

चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है मुमकिन है

चाँद से हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है……