कर्मो का तूफ़ान
भाग्य के दरवाजे पर
सर पीटने से बेहतर है,
कर्मो का तूफ़ान पैदा करे
सारे दरवाजे खुल जायेंगे.!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कर्मो का तूफ़ान
भाग्य के दरवाजे पर
सर पीटने से बेहतर है,
कर्मो का तूफ़ान पैदा करे
सारे दरवाजे खुल जायेंगे.!
अब तो शायद ही मुझसे मोहब्बत करे कोई..
मेरी आँखो मे तुम साफ नजर आते हो..?
तुम रात सी…मैं भोर सा…
तुम मंजिल मेरी…मैं इंतजार सा…
मुलाक़ातें तो आज भी हो जाती है तुमसे,.क्योकी ख़्वाब किसी ताले के मोहताज नही होते
जाने ये कैसा ज़हर दिलों में उतर गया।।
परछाईं ज़िंदा रह गई इंसान मर गया।
मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं थी , पन्ने को जल्दी पलट गए हो तुम…..
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ की मौत भी कोई चीज़ है ‘फ़राज़’ ज़िन्दगी वो थी जो हम उसकी महफ़िल में गुज़ार आए !!
वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते,
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता
फिर उड़ गयी नींद ये सोच कर सरहद पर वो बहा खून मेरी नींद के लिए था…
उन आँखों की दो बूंदों से समन्दर भी हारे होंगे…
जब मेहँदी वाले हाथो ने मंगलसूत्र उतारे होंगे.शहादत को नमन…