जिस समय हम

जिस समय हम किसी का
‘अपमान ‘ कर रहे होते हैं,
दरअसल,
उस समय हम अपना
‘सम्मान’ खो रहे होते है…

शौक से तोड़ो

शौक से तोड़ो दिल मेरा मुझे क्या परवाह,
तुम ही तो रहते हो इसमे, अपना ही घर ऊजाड़ोगे”.

कभी तो सोच

कभी तो सोच कि वो श़ख्स कितना था बुलंद,

जो बिछ गया तेरे कदमों मे आसमान की तरह…

काँटों में गुलाब

ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं।

यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब !!

दुआओं में वो

अब कहां दुआओं में वो बरकते.., वो नसीहतें.., वो हिदायतें..
अब तो बस ज़रूरतों का जुलूस है और
मतलबों के सलाम..!

लाजवाब तरीका है

मौका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का..
ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में ज़िंदा रहने का.!!