जीने की तुमसे वजह मिल गयी है..
बड़ी बेवजह ज़िन्दगी जा रही थी..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जीने की तुमसे वजह मिल गयी है..
बड़ी बेवजह ज़िन्दगी जा रही थी..!
मुद्दतों बाद उस ला-परवाह ने..
हाल पूँछ कर…
फिर वही हाल कर दिया..!!
दौलत नही, शोहरत नही,न वाह चाहिए….
कैसे हो..??
दो लफ्ज की परवाह चाहिए…
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है|
कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें
जब से ये फर्क जाना, जिंदगी आसान बहुत हो गई|
सिर्फ तस्वीर रह गई बाकी
जिसमें हम एक साथ बैठे हैं …॥
ना चाहते हुये भी साथ छोड़ना पड़ता है…
जनाब,मज़बूरी मोहब्बत से ज्यादा ताकतवर होती है..!!
कुछ जख्म हैं कि दिखते नहीं,
मगर ये मत समझिए कि दुखते नहीं|
डाकिये की शिक़ायत करने जा रहा हूँ मैं,
मेरे पते की ख़ुशियां कहीं और दे आया है|
देखिये अब क्या मुकाम आता है साहेब,
सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से..