वादा है तुमसे ।
दिल बनकर तुम धड़कोगे
और सांस बनकर हम आएँगे।।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वादा है तुमसे ।
दिल बनकर तुम धड़कोगे
और सांस बनकर हम आएँगे।।।
ये नया शहर तो है खूब बसाया तुमने….
क्यों पुराना हुआ वीरान जरा देख तो लो…
तेरा साया भी पड़ जाए रूह जी उठती है,
सोच तेरे आने से मंजर क्या होगा |
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई एब नहीं है
पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है|
वो ज़हर देकर मारता तो दुनियां की नज़रों में आ जाता,
अंदाज़-ऐ-क़त्ल तो देखो मुहब्बत कर के छोड़ दिया …
जरा सा कतरा कहीं आज अगर उभरता है ‘
तो समन्दरों के ही लहजे में बात करता है !!
सराफ़तों को यहाँ अहमियत नहीं मिलती !!
किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है!!!!
ये तेरी बातें….
बात बात पर याद आती है मुझे|
वो पत्थरो से मांगते है,
अपनी मुरादे दोस्तों;
हम तो उनके भक्त है,
जिनके नाम से पत्थर भी तैरते है ..
अपनी वजह-ए-बर्बादी सुनाये तो मजे की है…!!!
जिदंगी से युं खेले….जैसे दुसरे की है….!
आती है ऐसे बिछड़े हुए दोस्तों की याद,
जैसे चराग जलते हों रातों को गांव में।