दो लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए,
हज़ारों लफ्ज़ लिखे ज़माने के लिए
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दो लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए,
हज़ारों लफ्ज़ लिखे ज़माने के लिए
हमारे दिल में भी झांको अगर मिले फुरसत…
हम अपने चेहरे से इतने
नज़र नहीं आते…
तड़प रही है
सांसे तुझे महसूस करने को…फिजा में खुशबू
बनकर बिखर जाओ
तो कुछ बात बने |
तूने जिंदगी का नाम तो सुना होगा ..
.
मैने अक्सर तुम्हे इसी नाम से पुकारा है|
ईलाज न ढूँढ इश्क का वो होगा हीं नहीं ,ईलाज मर्ज का होता है ईबादत का
नहीं !
बहुत कमियाँ निकालते हैं हमदूसरों में अक्सर….!!
आओ एक मुलाक़ात ज़रा आईने से भी कर ले…
उम्मीद न कर इस दुनिया मेँ,
किसी से हमदर्दी की..!
बड़े प्यार से जख्म देते हैँ, शिद्दत से चाहने वाले!!
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया…
दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को,
कि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का
मन करता है कभी- कभी।।
जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो , हारना तो मौत के सामने फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…