आशिक
था जो मेरे अन्दर वो कई साल पहले मर गया…!
अब
तो एक शायर है,
जो बहकी बहकी बाते करता है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आशिक
था जो मेरे अन्दर वो कई साल पहले मर गया…!
अब
तो एक शायर है,
जो बहकी बहकी बाते करता है..!!
पलकों की हद तोड़ के दामन पे आ गिरा,
एक आंसू मेरे सबर की तौहीन कर गया…..
है हमसफर मेरा तू..
अब…
मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या…??
खुद ही कायनात हूँ…
अब….
अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…???
दर्द छुपाना भी एक हुनर है,
वरना नमक तो हर मुठी में है..!!
वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा
अनमोल होता है
जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा
माहौल होता है |
कोई रिश्ता बना के मुतमईन होना नही अच्छा !!
मुहब्बत आखिरी हद तक ताल्लुक आजमाती है!!
अगर फुर्सत के लम्हों मे आप मुझे याद करते हो तो अब मत करना..
क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.
वापसी का तो कोई सवाल ही नहीं साहब
..
.
,घर से निकले हैं हम आँसूओं की तरह..
ज़िंदगी ये चाहती है कि……
..
.ख़ुदकुशी कर लूँ ….
…
मैं इस इंतज़ार में हूँ कि… कोई हादसा हो जाये
मेरा खुदा एक ही है….
जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला
भटक गया था मै….
जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..