दर्द अब इतना की संभलता

दर्द अब इतना की संभलता नही है
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है
अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे
तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |

बङा फर्क है

बङा फर्क है,तेरी और मेरी मोहब्बत में..!
तू परखता रहा और हमने यकीन में एक उम्र गुजार दी..!!