प्यार वो नहीं जो कोई कर रहा है,
प्यार वो है जो कोई निभा रहा है …
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
प्यार वो नहीं जो कोई कर रहा है,
प्यार वो है जो कोई निभा रहा है …
मुझको ढूंढ लेता है रोज़ नये बहाने से…….
दर्द हो गया है वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से..!!
फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा|
हर जगह हर शहर हर मका में
धूम है उस की मौजूदगी गी मौजूद है|
हादसे से बड़ा हादसा ये हुआ,
लोग ठहरे नहीं हादसा देख कर ।
मैं रहा उम्र भर जुदा ख़ुद से…
याद मैं ख़ुद को उम्र भर आया…
बेमौत मर गए दोनों…..
मैं और मेरी ख्वाइश.
ग़लत कहता हैं हर कोई कि संगत का असर होता हैं वो बरसों मेरे साथ रही मगर फिर भी बेवफा निकली|
दर्द अब इतना की संभलता नही है
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है
अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे
तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |
बङा फर्क है,तेरी और मेरी मोहब्बत में..!
तू परखता रहा और हमने यकीन में एक उम्र गुजार दी..!!