लोग गिरते नहीं थे नज़रों से..!!
इश्क़ के कुछ उसूल थे पहले..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लोग गिरते नहीं थे नज़रों से..!!
इश्क़ के कुछ उसूल थे पहले..
तेरे होठो को जबसे चखा है,
कच्ची इमली भी मीठी लगती है|
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँसकर..
यही एक अजब हुनर सीखा है
मैंने बहुत कुछ खो देने के बाद…
मैं कड़ी धूप में
चलता हूँ इस यकींन के साथ
मैं जलूँगा तो
मेरे घर में उजाले होंगे !
वो मोहब्बत थी इसलिए ही जाने दिया…अगर जिद होती तो अब तक बांहो में होती…
हमने जब कहा नशा शराब का लाजवाब है,
तो उसने अपने होठो से सारे वहम तोड़ दिए।
लोगो ने कुछ दिया तो सुनाया भी बहुत कुछ…
ऐ खुदा
एक तेरा ही दर है जहा कभी ताना नहीं मिला..
सबको प्यार करने के लिए हम इस दुनिया में आए थे पर बीच में आप जरा ज्यादा पसंद आ गए|
रुकावटें तो जिंदा
इंसानों के लिए हैं….।
‘अर्थी’ के लिए तो
सब रास्ता छोड़ देते हैं ….।
कुछ बाते उससे छुपायीं थी …
और कुछ कागज़ों को बतायीं थी …