वो चीज़ जिसे दिल कहते है
वो भूल गया में रख कर कही|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो चीज़ जिसे दिल कहते है
वो भूल गया में रख कर कही|
एक उम्र के बाद उस उम्र की बातें,
उम्र भर याद आती है…
सबकी जिंदगी मेँ ,
एक ऐसा शख्स जरूर होता है,
जो किस्मत में नहीं,
लेकिन दिल और दिमाग
मे हर वक़्त रहता है …
मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर चेहरे पर..!
मेरी फ़िक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर..!!
किसी सूफ़ी की ग़ज़ल का शेर हूँ मैं दोस्तो,
बेखुदी के रास्ते दिल मे उतर जाता हूँ…!!
लौटा जो सज़ा काट के, वो बिना ज़ुर्म की
साहब
घर आ के उसने, सारे परिंदे रिहा कर दिए….
कोई सुलह करादे जिंदगी की उलझनों से,
बडी़ तलब लगी है आज मुसकुराने की….
आओ मोहब्बत को महंगाई का नाम दें…
फिर कभी कम न हो, ये दरमियां हमारे….
कभी तुम हुए, कभी हम हुए,
ज़माने में दो ही तो मौसम हुए ..
क्या लिखूँ दिल की हकीकत, आरज़ूएँ बेहोश हैं,
ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है!