तेरे श्रृंगार मे शामिल हो मेरा भी हिस्सा,
तेरे चेहरे पर मैं भी कहीँ तिल हो जाऊँ.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरे श्रृंगार मे शामिल हो मेरा भी हिस्सा,
तेरे चेहरे पर मैं भी कहीँ तिल हो जाऊँ.
पा सकेंगे न उम्र भर जिस को,
जुस्तुजू आज भी उसी की है…
अपनी कीमत उतनी रखिए, जितनी अदा हो सके
अगर अनमोल हो गए तो तनहा हो जाओगे..!!
झील की चादर पे फैली मौत सी ख़ामोश उदासी देखता हूँ…
पानी के इतने पास हूँ पर बिन तेरे ज़िंदगी प्यासी देखता हूँ?
मत जियो उसके लिए जो दुनिया के लिए खूबसूरत हो |
जियो उसके लिए जो तुम्हारी दुनिया खूबसूरत बनाये|
इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है….
जब दो शायरों को एक दुसरे से प्यार हो जाता है|
मैं रुठा जो तुमसे तुमने हमें मनाया भी नहीं ,
अपनी मोहब्बत का कुछ हक जताया भी नहीं !!
मुहब्बत से तौबा तो
कर चुके हैं मगर
थोडा जहर ला के दे दो आज
तबियत उदास है|
सभी के अपने मसाइल सभी की अपनी अना,
पुकारूँ किस को जो दे साथ उम्र भर मेरा…
हमारी शायरी पढ़ कर बस इतना सा बोले वो कलम छीन लो इनसे .. ये लफ्ज़ दिल चीर देते है …..