जाने क्या था..

जाने क्या था.. जाने क्या है जो मुझसे छूट रहा है..

यादें कंकड़ फेंक रही हैं और दिल अंदर से टूट रहा है|

अब तो आंखे भी

अब तो आंखे भी थक गई तेरी याद में रोते-रोते,कम्बख्त दिल है कि तुजे भुलाना ही नही चाहता|

उसने पुछा के

उसने पुछा के सबसे ज्यादा क्या पसन्द है तुम्हे…
हम बहुत देर तक उसे देखते रहे के शायद वो समझ जाये…