मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते,
मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजारों थे।।
Category: Love Shayri
साथ भले ही
साथ भले ही मंज़िल तक ना था लेकिन,
बहुत खूबसूरत थे वो रास्ते जहाँ तुम साथ चलते थे।।
गुस्सा वही इंसान कर सकता है
गुस्सा वही इंसान कर सकता है,
जिसने कभी कूट कूट कर मोहब्बत की हो।।
कहाँ ढूँढ़ते हो
कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ -बेखबर,
ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो।।
आशियाने बनें भी तो कहाँ
आशियाने बनें भी तो कहाँ जनाब,
जमीनें महँगी हो चली हैं और दिल में लोग जगह नहीं देते।।
कई बार मन करता है
कई बार मन करता है कि रूठ जाऊँ तुम से,
फिर इस ख्याल से रुक जाता हूँ कि तुम्हें तो मनाना भी नहीं आता।।
इश्क के तोहफे
इश्क के तोहफे तुम क्या जानो सनम,
तुमने तो इश्क भी ऐसे किया जैसे ख़रीदा हो।।
तुमने कभी समझा ही नहीं
तुमने कभी समझा ही नहीं ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा।।
फुरसत में ही
फुरसत में ही याद कर लिया करो हमें,
दो पल मांगते है पूरी जिंदगी तो नही।।
लगने दो आज महफ़िल
लगने दो आज महफ़िल, चलो आज
शायरी की जुबां बहते हैं
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तुम उठा लाओ “ग़ालिब” की किताब,हम अपना
हाल-ए-दिल कहते हैं.|