मुझे न जाने किन कर्मों की सजा देते हैं.
आख़िरी घूँट हूँ ,बहुत लोग छोड़ देते हैं .!!
Category: Love Shayri
एक बच्चा खुश हुआ
एक बच्चा खुश हुआ खरीद कर गुब्बारा,
दुसरा बच्चा खुश हुआ बेच कर गुब्बारा।
हज़ार महफ़िलें हो
हज़ार महफ़िलें हो, लाख मेले हो,
जब तक खुद से ना मिलो, अकेले ही हो।
कौन कहता है
कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है
तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है
लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं
दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है
तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी
वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है
देख जा आ के महकते हुये ज़ख़्मों की बहार
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रक्खा है |
सुना है इस खेल में
सुना है इस खेल में सबके सर जाते हैं,
इश्क में इतना ख़तरा है तो हम घर जाते हैं…
एक नींद है
एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती,
और एक जमीर है जो हर वक़्त सोया रहता है।
परिंदे भी नहीं रहते
परिंदे भी नहीं रहते पराये आशियानों में,
हमने जिंदगी गुजारी है किराये के मकानों में
तू मोहब्बत से
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल
हार जाने का हौसला है मुझे…!!!
बेअसर कहाँ होती है
बेअसर कहाँ होती है दुआ कोई भी.
.या तेरी कुबूल होगी..या मेरी कुबूल होगी..
टूटे हुए काँच की तरह
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गये
किसी को लग ना जायें, इसलिए सबसे दूर हो गये…!!!