वो सजदा ही क्या…
जिसमे होश रहे सर उठाने का…
Category: Love Shayri
रंगो से डर नहीं लगता दोस्तों
रंगो से डर नहीं लगता दोस्तों….
रंग बदलने वाले दोस्तो से लगता है…
दिल का अपनी हद से
दिल का अपनी
हद से बाहर हो
जाना,
शायद इसे ही
बे हद महोब्बत
कहते हे…!!
मेरे लफ्जो से मत कर
मेरे लफ्जो से मत कर।
मेरे किरदार का फैसला ।।
तेरा वजूद मिट जायेगा ।
मेरी हकीकत ढूँढते ढँढुते !
तुझे क्या देखा खुद को भूल गए
तुझे क्या देखा,
खुद को भूल गए हम इस कदर..
कि अपने ही घर आये,
औरों से रास्ता पूछकर…!!
दर्द कितना खुशनसीब है
दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं, दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है !!
ये जलजले यूँ ही बेसबब नहीं आते
ये जलजले यूँ ही बेसबब नहीं आते..
ज़रूर ज़मीन के नीचे कोई दीवाना तड़पता होगा…
बादल हो या बियर का नशा
बादल हो या बियर का नशा… अचानक से छा ही जाता है…
प्यार हो या चेहरे पे पिंपल…सबकी नज़र मे आ ही जाता है..
दाँत का दर्द हो या गर्ल फ्रेंड की शादी, आँखो मे आँसू आ ही जाते है….
मैं उसकी आँख के हर खवाब में
मैं उसकी आँख के हर खवाब में कुछ रंग भर पाऊँ
मेरे अल्लाह मुझको सिर्फ इतनी हैसियत देना
Zaalim boltay he log mere lafzo’n ko Db
Zaalim boltay he log mere lafzo’n ko Db..
Kya bataoon onko ye ek qaatil ki anayat he..!”