मेरी नरमी को मेरी कमजोरी न समझना….
ऐ नादान,
सर झुका के चलता हूँ तो सिर्फ ऊपर वाले के खौफ से…।
Category: Love Shayri
दरवाजे पर लिखा था..
दरवाजे पर लिखा था…मुझे बुलाना मत, मैं बहुत दुखी हूँ
सच्चा मित्र अंदर जाकर बोला…मुझे पढ़ना नहीं आता है।।
ये ना पूछ कि
ये ना पूछ कि शिकायतें कितनी हैं तुझसे, ऐ जिंदगी,
सिर्फ ये बता कि कोई और सितम बाकी तो नहीं?
ख़ाक से बढ़कर
ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती,
छोटी मोटी बात पे हिज़रत नहीं होती।
पहले दीप जलें तो चर्चे होते थे,
अब शहर जलें तो हैरत नहीं होती।
फिर कोई मोड़ लेने वाली है
फिर कोई मोड़ लेने वाली है ज़िन्दगी शायद,
अब के फिर हवाओं में एक बे-करारी है।
न जाने कब
न जाने कब खर्च हो गये, पता ही न चला,
वो लम्हे, जो छुपाकर रखे थे जीने के लिये।
मुद्दत के बाद
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज दी मुझे…
कदमों की क्या बिसात, साँसें ही थम गयी…!!!
कहाँ सब को आता है
मौत तो सब को आती है,
जीना कहाँ सब को आता है ?
दौलत की दीवार में
दौलत की दीवार में तब्दील रिश्ते कर दिये,
देखते ही देखते
भाई मेरा पडोसी हो गया।
बस वो मुस्कुराहट
बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है,
बाकी तो मैं बहुत खुश हूँ आजकल…