अमल से भी माँगा वफा से भी माँगा,
तुझे मैने तेरी रजा से भी माँगा,
ना कुछ हो सका तो दुआ से भी माँगा,
कसम है खुदा की खुदा से भी माँगा
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अमल से भी माँगा वफा से भी माँगा,
तुझे मैने तेरी रजा से भी माँगा,
ना कुछ हो सका तो दुआ से भी माँगा,
कसम है खुदा की खुदा से भी माँगा
शिकवा तकदीर का. ना शिकायत अच्छी !!!!!
खुदा जिस हाल मे रखे वही जिंदगी अच्छी…….!!!!!!!
ज़मीं पर वो मेरा नाम लिखते है और मिटाते है…
उनका तो टाइम पास हो जाता है
कमबख्त मिटटी में हम मिल जाते है
जलती हुई cigarate को देख कर ज़ालिम ने फ़रमाया , दिल को जलाती हे पर होठो तक तो आती हे….
मैं वो हूँ जो आँखों में आँखे डाल के सच
जान
लेता हूँ,
इश्क में हूँ बस इसलिए तेरे झूठ भी सच मान
लेता हूँ !
Kaha tha na ke zabt karna..
Ab wo aansu samandar ho gya na…!”
Akele rehne ka bhi ek alag hi sukoon hai,
Na kisi ke wapas aane ki ummeed,
na kisike chhod jane ka dar!!
Tu Baar – Baar
nigahen fer Le…..
Beshaq
har baar nigaho me rahega
meri Ruh BaNker…..!
कहना ही पड़ा उसे शायरी पढ़ कर हमारी..
.
कि कंबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी होती है
Bohat Khush Qismat Hain wo Log Yaqeen Jano…!!!Jo Mangty B Nahi, Rotay B Nahi,Or Muhabbat Paa letay Hain….!!