बेतरतीब बेमकसद बेपरवाह हूँ
पिछली सदी की मौत का गवाह हूँ
Category: Love Shayri
फ़िक्र रहती है
एक काम करो…
इस दिल को तुम ही रख लो,
बड़ी फ़िक्र रहती है इसे तुम्हारी..!!
लगता है वो
उल्फ़त, मोहब्बत, वफ़ा, अफ़साने, अश्क। लगता है
वो आयी थी जिंदगी में
सिर्फ ऊर्दू सिखाने।
समय के एक तमाचे
समय के एक तमाचे की देर है प्यारे, मेरी फ़क़ीरी भी क्या,
तेरी बादशाही भी क्या..
जिसके पेट भरे है
जिसके पेट खाली है वो झंडा बेच रहे हैं, और जिसके पेट भरे है वो अपना देश बेच रहे हैं।
अपनी मर्जी से
अपनी मर्जी से तो मुझे खाक भी मंजूर है…
तेरी शर्तो पर तो ताज भी मंजूर नहीं…!!!
इंसान सब कुछ
इंसान सब कुछ कोपी कर सकता है. . .
केवल नसीब या किस्मत कोपी नहीं कर सकता…
मन को बस
मन को बस थोडा सा मीठा कर लो क्योकि…..
इस धरा का …
इस धरा पर ही धरा रह जायेगा…
ऐसा ही प्यार रहेंगा
LOVE का सूक्ष्म विश्लेषण..
अगर आकर्षण वाला हैं तो एक शारीरिक सुख के बाद नहीं रहेगा,
पर रूह वाला होगा तो ताउम्र ऐसा ही प्यार रहेंगा !!
जिंदगी तो ऐसे
जिंदगी तो ऐसे चलती रहेगी
मगर
कुछ अलग हो जाये तो क्या बात है….
नहीं भरने मुझे रंग तरह तरह के हर जगह
मगर
कोई आके मेरे दिल में रंगोली बना जाये तो क्या बात है….
नहीं कहना मुझे कुछ किसी से कभी
मगर
कोई बिना कहे सब कुछ समझ जाये तो क्या बात है…..
काफी जाने पहचाने चेहरे मिलते हैं मुझे रोज यहाँ
मगर
अचानक से कोई अनजान चेहरा मेरे सामने आके मुस्करा जाए तो क्या बात है…..
जितना है हर कोई खुद के लिए यहाँ
मगर
कोई जिंदादिल किसी और के लिए दफ़न हो जाये तो क्या बात है….
ऐसे तो कुछ लिखना मुझे आता नहीं
मगर
ये लिखा हुआ आपको पसंद आ जाये एक बार कहना जरूर क्या बात है…