मेरे दिल से खेल तो रहे हो पर जरा सम्हल के…
टूटा हुआ है… कहीं लग ना जाए..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे दिल से खेल तो रहे हो पर जरा सम्हल के…
टूटा हुआ है… कहीं लग ना जाए..
Teri Qismat Ka Likha, Tujhse
Koi Le Nhi Sakta..!!
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Agr Uski Rehmat Ho To, Tujhe
Wo Bhi Mil
Jayega, Jo Tera Ho Nhi Sakta
कोई मुझसे पूछ बैठा “बदलाव किसे कहते हैं” मैं सोच मे पड गया किसकी मिसाल दूं, मौसम की या अपनो की।
हजारों में मुझे सिर्फ एक वो शख्स चाहिये
जो मेरी गैर मौज़ूदगी में
मेरी बुराई न सुन सके ।
एक रस्सी है..
जिसका एक सिरा ख्वाहिशों ने पकड़ा है..
और दूसरा औकात ने…
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इसी खींचातानी का नाम जिंदगी है।
ROOH TAK HAI ULJHI ULJHI ZINDAGI HAIRAAN HAI .
..JEENA MUSKIL MARNA MUSKIL MUSKILO ME JAAN HAI
ज़ख्म भले ही अलग अलग हैं,
लेकिन दर्द बराबर है ।
कोई फर्क़ नहीं पड़ता है,
तुम सह लो या मैं सह लूँ ।
तेरे बसरने का आज मुझे मलाल है
क्योंकि ये गरीब किसान की रोटी का सवाल है
लोग आज भी हम दोनों का नाम साथ में लेते हे..
ना जाने ये “शोहरत” है या “बदनामी”
हथेलियों पर मेहँदी का “ज़ोर” ना डालिये,
दब के मर जाएँगी मेरे “नाम” कि लकीरें…