एक रस्सी है

एक रस्सी है..
जिसका एक सिरा ख्वाहिशों ने पकड़ा है..
और दूसरा औकात ने…

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इसी खींचातानी का नाम जिंदगी है।

ज़ख्म भले ही

ज़ख्म भले ही अलग अलग हैं,
लेकिन दर्द बराबर है ।
कोई फर्क़ नहीं पड़ता है,
तुम सह लो या मैं सह लूँ ।