अब तो कर दे इजहार तू
मुझसे प्यार का…..
देख अब तो मोहब्बत का महीना भी
आ गया…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अब तो कर दे इजहार तू
मुझसे प्यार का…..
देख अब तो मोहब्बत का महीना भी
आ गया…
जब वो अपने हांथो की
लकीरों में मेरा नाम ढूंढ कर थक गया…
सर झुकाकर बोला, “लकीरें
झूठ बोलती है” तुम सिर्फ मेरी हो.
इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ;
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ;
जो लोग करते हैं मुझे
गिराने की कोशिश;
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ।
मेरे पास गोपियाँ तो बहुत है,
पर मेरा मन मेरी राधा के
सिवा कहीं लगता ही नही
Mukar Gaye Ho Na Tum Chahto Se.!!
Meri Aadton Ko Kharab Kar Ke…
ये दिल अजीब है अक्सर कमाल करता है
नहीं जवाब जिनका वो सवाल करता है ।
धरे रह गए वादे इश्क केउसने लगा लिया सिन्दुर मांग में |
हद से बढ़
जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते है,
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम
मिलते है !!
irf itnaa faaslaa hai zindagi se maut kaa
shaakh se tode
gaye guldaan mein rakhe gaye
पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर
नहीं मिले
दस्तार कहाँ मिलेंगे जहाँ सर नहीं मिले