मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ

मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,
हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,
जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !
जीत निश्चित हो तो,
कायर भी जंग लड़ लेते है !
बहादुर तो वो लोग है ,
जो हार निश्चित हो फिर भी मैदान नहीं छोड़ते !
भरोसा अगर ” ईश्वर ” पर है,
तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे !
मगर , भरोसा यदि ” खुद ” पर है ,
तो ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे !!

उनकी आँखो की गहराई

उनकी आँखो की गहराई का दीदार
कर ना पाए,
दिल ने की कोशिश बहुत पर प्यार कर
ना पाए,
क्या कशिश थी उनकी आँखो मे,
उन्होने दी इज़ाज़्त् और हम इज़हार कर ना पाए…

तुम्हारी वक्त से

तुम्हारी वक्त से कुछ अच्छी साझेदारी है,
कहो न उसे मेरे लिए भी बदल जाए,
बहुत वक्त होगया मन जो बेफिक्र-सा हुआ हो।