घर चाहे कैसा भी हो

घर चाहे कैसा भी हो,
उसके एक कोने में,
खुलकर हंसने की जगह रखना,

सूरज कितना भी दूर हो, उसको घर आने का रास्ता देना,

कभी कभी छत पर चढ़कर
तारे अवश्य गिनना,
हो सके तो हाथ बढ़ा कर,
चाँद को छूने की कोशिश करना,

अगर हो लोगों से मिलना जुलना तो,
घर के पास पड़ोस ज़रूर रखना,

भीगने देना बारिश में,
उछल कूद भी करने देना,
हो सके तो बच्चों को,
एक कागज़ की किश्ती चलाने देना,

कभी हो फुरसत,आसमान भी साफ हो,तो एक पतंग आसमान में चढ़ाना,
हो सके तो एक छोटा सा पेंच भी लड़ाना,

घर के सामने रखना एक पेड़,
उस पर बैठे पक्षियों की बातें अवश्य सुनना,

घर के एक कोने में खुलकर हँसने की जगह रखना|

उन लोगों को

उन लोगों को दर्द के सिवा और कुछ नहीं मिलता,
जो दूसरों से हद से ज्यादा उम्मीद लगा लेते है !!

कुछ अधूरे ख्वाब

कुछ अधूरे ख्वाब
तेरे संग पूरे करना चाहते है,

ज़िंदगी ना सही
कुछ पल ही सही,

तेरे कंधे पर सर रख
अपने दर्द बाँटना चाहते है..!!