तेरे इनकार की वजह बता दे बस……..!
कसम तेरी..
ज़िन्दगी लुटा दूँगा उसे सुधारने में..
Category: Hinglish Shayri
अपने हाथों की
अपने हाथों की लकीरों से ना निकल मुझे.!
बड़ी शिद्दत से मैने तेरी इबादत की है.!!
बरबाद कर देती है
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत
करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही
मानता और दिल बात नही मानता..!!
निगाहों का कसूर है !!
तुम ही तुम दिखते हो हमें कुछ हुआ तो जरूर है,
ये आइनें की भूल है या मस्त निगाहों का कसूर है !!
इतने चेहरे थे
इतने चेहरे थे उसके चेहरे पर,
आईना तंग आ के टूट गया|
तुम ख्वाब में आए थे
गर्दन पर निशान तेरी साँसों के…
कंधे पर मौजूद तेरे हाथ का स्पर्श…
बिस्तर पर सलवटें…
तकिये पे लगे दाग..
चादर का यूँ मुस्कुराना..
शायद, तुम ख्वाब में आए थे…!
मैं शिकायत क्यों करूँ
मैं शिकायत क्यों करूँ,
ये तो क़िस्मत की बात है..!!
तेरी सोच में भी मैं नहीं,
मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं
मेरी आवारगी में
मेरी आवारगी में कुछ
क़सूर अब तुम्हारा भी है,
जब तुम्हारी याद आती है
तो घर अच्छा नहीं लगता।
कागज पे तो
कागज पे तो अदालत चलती है,
हमें तो तेरी आँखो
के फैसले मंजूर है..!
वक़्त बदला तो
वक़्त बदला तो
बदल गये वो लोग,
जो महफ़िलो में
सबसे अज़ीज़ आशना थे.!!