गर्दन पर निशान

गर्दन पर निशान तेरी साँसों के…
कंधे पर मौजूद तेरे हाथ का स्पर्श…
बिस्तर पर सलवटें…
तकिये पे लगे दाग..
चादर का यूँ मुस्कुराना..
शायद, तुम ख्वाब में आए थे…!

अब ये न पूछना

अब ये न पूछना कि

ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ…
कुछ चुराता हूँ

दर्द दूसरों के कुछ

अपनी सुनाता हूँ..!!