बिन तेरे मुझको ज़िंदगी से ख़ौफ़ लगता है, किश्तों में मर रहा हूँ रोज़ लगता है……..
Category: Love Shayri
हमसे क्या पूछते हो
हमसे क्या पूछते हो हमको किधर जाना है हम तो ख़ुशबू हैं बहरहाल बिखर जाना है
अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी
अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
मैं भी कभी हँसता खेलता था
मैं भी कभी हँसता खेलता था, कल एक पुरानी तस्वीर में देखा था खुद को……..
उड़ा दो रंजिशे….
उड़ा दो रंजिशे….इन हवाओं में यारों….
मौसम नही कहता…. कोई किसी से नफरत करे….
लोग कहते है कि वाह क्या
लोग कहते है कि वाह क्या शबनम छाई है..
उन्हें क्या मालूम कि चाँद ने रो कर रात बितायी है..
कुछ इस तरह रिश्ते निभाते हैं फरेबी लोग
कुछ इस तरह रिश्ते निभाते हैं फरेबी लोग..
अब आपको अपना कहेंगे आप ही के सामने..!
मैं ज़हर तो पी लूँ शौक से
मैं ज़हर तो पी लूँ शौक से तेरी खातिर ….
पर शर्त ये है कि तू सामने बैठ कर साँसों को टूटता देखे !
रहने दे मुझे इन अंधेरों में ग़ालिब
रहने दे मुझे इन अंधेरों में ग़ालिब,
कमबख़्त रौशनी में अपनो के असली चहरे नज़र आ जाते है !!
जब भी देखता हूँ किसी गरीब को
जब भी देखता हूँ किसी गरीब को हँसते हुए…
तो यकीन आ जाता है कि खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता …