परेशां है वो हमसे इश्क़ करके
वफादारी की नौबत आ गई है….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके
वफादारी की नौबत आ गई है….
मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है ये दिल ….,,,
ना जाने किस हाल मै होगा
मुझसे रूठने वाला !!
बह चुभती है मेरी आंखों में अँधेरा हमसफ़र लगता है
तेरी दी हुई तन्हाई का असर ये है अपने आप से डर लगता है
हां और ना दोनों एक ही शब्द है,
जिन्हें जवाब मिला वो बर्बाद ही हुआ है..
सिर्फ हम ही नहीं परेशान याद में
उनकी,
काजल तो उनकी आँखों का भी कुछ
बिखरा सा लगता हैं !!
दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ,
कहा है उसने
“देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”
अब उठती नहीं हैं आँखें, किसी और की तरफ …
पाबन्द कर गयीं हैं शायद, किसी की नज़रें मुझे !
Mohabbat lafzon ki mohtaaz nahi hoti!
Jab tanhai me aapki yaad aati hai,
Hontho pe ek hi fariyad aati hai…
Khuda aapko har khushi de,
Kyonki aaj bhi hamari har khushi aapke baad aati hai..
Pyar Cheez Nahi Jataane Ki,
Hame Aadat Nahi Kisiko Bhulane Ki,
Hum Isliye Kam Milte Hain Aapse Kyunki,
Kuch Rishto Ko Nazar Lag Jati Hai Zamane Ki…
कुछ खटकता तो है पहलू में मेरे रह रह कर,
अब ख़ुदा जाने तेरी याद है या दिल मेरा।