किसी के लिये कितना भी कूछ कर लो
आपकी एक छोटी सी गलती पर वो आपक छोड़ देगा |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी के लिये कितना भी कूछ कर लो
आपकी एक छोटी सी गलती पर वो आपक छोड़ देगा |
तेरी नज़र पे भी मुकदमा हो
तेरी नज़र तो क़त्लेआम करे…
छोड़ दो किसी से वफा की आस…..
ऐ दोस्त
जो रूला सकता हैं_, वो भुला भी सकता हैं_!!
आओ गले मिल कर ये देखें
अब हम में कितनी दूरी है
मै हूं अश्क तुम्हारी आंखों का , जब जी चाहे बहा देना
इक लफ्ज हूं तुम्हारी कहानी का , ना याद रख सको तो भुला देना..!!
जिनके दिल पे लगती है चोट
वो आँखों से नही रोते.
जो अपनो के ना हुए, किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है,
की सपने टूट जाते हैं
पर पूरे नही होते.
क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर,
रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!
काश ये दिल शीशे का होता..
कम से कम तोड़ने वाले के हाथ मे ज़ख़्म तो होता |
मेरे बाद किसी को अपना बना के देखना
तेरी ही धड़कन कहेगी उसकी वफा मॆ कूछ और बात थी…
मरने का मज़ा तो तब है,
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये |