इस तरह मिली

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद|

कुछ लोग कहते है

कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर
अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं|

एक एक कर

एक एक कर इतनी
कमियाँ निकाली लोगो ने
मुझमें की …..

अब सिर्फ खूबियाँ ही रह गयी है
मुझमें