हम मरेगें भी तो उस अंदाज से,
जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरसते है।
Category: Hinglish Shayri
ये भी क्या सवाल हुआ
ये भी क्या सवाल हुआ कि इश्क़ कितना चाहिए,
.दिल तो बच्चे की तरह है मुझे थोड़ा नहीं सब चाहिए !!
वक़्त की गिरह में
वक़्त की गिरह में बाँध के रख छोड़ा है मैंने,
वो हर लम्हा जो तुम बिन गुज़रता ही नही था…
सँभल के रहिएगा
सँभल के रहिएगा ग़ुस्से में चल रही है हवा,
मिज़ाज गर्म है मौसम बदल रही है हवा…
लुटा चुका हूँ
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ अपनी जिंदगी में यारो
मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ|
ठान लिया था
ठान लिया था कि अब और शायरी
नही लिखेंगे पर उनका पल्लू गिरा देखा और
अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे|
छुप जाऊँ मै
फ़रियाद कर रही हैं
फ़रियाद कर रही हैं तरसी हुई
निगाहें…
देखे हुऐ किसी को जमाना हो
गया…!!!
लोगों की नजरो मे
लोगों की नजरो मे हमारी कोई कीमत ना हो,
लेकिन कोई तो होगा जो, हमारा हाथ पकड़ कर खुद पर नाज़ करेगा..
यूँ तो मुझे
यूँ तो मुझे किसी के भी छोड़ जाने का गम नहीं बस,
कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद नहीं थी..