शब्द तो शोर है

शब्द तो शोर है तमाशा है
भाव के बिंदु का बिपाशा है
मरहम की बात होठो से ना करो
मोन ही तो प्रेम की परिभाषा |

न चमन है

न चमन है , न गुल है ,न मौसम-ए-बहार है

मेरी भी जिंदगी क्या खूब है – सिर्फ इन्तजार है।