मुहब्बत की जुबान
यहां तक आये हो कुछ ज़ुबान से कह दो
लफ्ज़ मुहब्बत नहीं कह सकते सलाम तो कह दो
पलकें तो उठाओ अपनी इतनी भी हया कैसी
ज़ुबान से नहीं कुछ कहते निगाह से ही कह दो
दिल को यकीन आये कहदो आप हमारे हो
अपने लिखे खतों का जवाब साथ लाए हो|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुहब्बत की जुबान
यहां तक आये हो कुछ ज़ुबान से कह दो
लफ्ज़ मुहब्बत नहीं कह सकते सलाम तो कह दो
पलकें तो उठाओ अपनी इतनी भी हया कैसी
ज़ुबान से नहीं कुछ कहते निगाह से ही कह दो
दिल को यकीन आये कहदो आप हमारे हो
अपने लिखे खतों का जवाब साथ लाए हो|
प्यार को लफ्ज़ो में न बयाँ कर सकते कभी
इसे बस महसूस करो,एहसास ही रहने दो?
धड़कते दिल को जिस्मी सकून मिलता जो
नश नश में हकिकी रवानगी,इश्क रहने दो!
ऐसा क्या लिखूं की तेरे दिल को तसल्ली हो जाए ।।
क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी जिंदगी तुम हो ।।
सड़क पर क्यूँ ले आया तू मोहब्बत के वो घर
उन चौखटों से इश्क की वो अजान कहाँ गयी,
कभी मुस्कुरा लिया करते थे उसको याद कर,
अब उसकी याद में डूबी वो सर्द शाम कहाँ गयी |
जीवन की सबसे बड़ी गलती वही होती है,जिस गलती से हम कुछ सिख नहीं पाते !!
सब कुछ खो देने से,
भी बुरा है वो उम्मीद खो देना।।
जिसके भरोसे आप,
सब कुछ वापिस पा सकते हैं।।
बेहद हदें पार की थी हमने कभी किसी के लिए,
आज उसी ने सिखा दिया हद में अपनी रहना….!!
अगर तुम्हे पा लेते तो किस्सा इसी
जन्म मे खत्म हो जाता।
तुम्हे खोया है तो यक़ीनन कहानी लम्बी चलेगी।।
जिनके दिल पे लगती है चोट
वो आँखों से नही रोते.
जो अपनो के ना हुए, किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है,
की सपने टूट जाते हैं
पर पूरे नही होते।।
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी।
इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता।।