उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है।
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है।
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है।।
यही सोच कर बड़ी देर से एक करवट हूँ…
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किसी की याद न दब जाए कहीं…
चाँद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत है …
कल रात , मैं भी तेरी तस्वीर दिखा दूँगी !!!
जिस्म हूँ खोखला सा मैं…
मेरी रूह कोई और है
पी लेता हूँ मय के प्याले दो…
पर नशा तो मेरा कोई और है
दुपट्टा क्या रखलिया उसने सर पर .
वो दुल्हन नजर आने लगी
उसकी तो अदा हो गई
और जान लोगो की जाने लगी|
तुम न लगा पाओगे अंदाज़ा मेरी उदासी का….
तुमने मुझे देखा ही कहाँ है शाम गुज़रने के बाद !!
तुम वाकिफ नही हो मेरी बेताबी से…
इसलिए सब्र की बात करते हो…
मेरी नज़रे तो उन राहो को भी चूमती है..
जहाँ से तुम एक बार निकलते हो!!
संगमरमर के महल में तेरी ही तस्वीर सजाऊंगा;
मेरे इस दिल में ऐ प्यार तेरे ही ख्वाब सजाऊंगा;
यूँ एक बार आजमा के देख तेरे दिल में बस जाऊंगा;
मैं तो प्यार का हूँ प्यासा जो तेरे आगोश में मर जाऊॅंगा।
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा…!
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा….!!!
अधूरी सी दास्तान अब पूरी लगती है…
तेरे नाम की साँसे मुझमें ज़रूरी लगती हैं !!