फिर से आँखों में गीलापन उतर आया,
जब बातों-बातों में आज तेरा जिक्र आया।
Category: Hindi
तुम्हारी याद की
तुम्हारी याद की…… शिद्दत में….. बहने वाला अश्क…!!!
ज़मीं में बो दिया जाए…. तो आँख उग आए…!!!!
अच्छा हुआ कि
अच्छा हुआ कि तूने हमें तोड़ कर रख दिया,
घमण्ड भी तो बहुत था हमें तेरे होने का ..
तुझे और कैसे चाहूँ
अपनी सांसो भी कर दी हैं तेरी साँसों में शामिल
अब इस से ज्यादा तू ही बता तुझे और कैसे चाहूँ|
ज़माने की रीत है…!
भूलना तो ज़माने की रीत है…!!!
मग़र तुमने शुरुआत मुझसे क्यों की…!!!
दौलत की दीवार ने
दौलत की दीवार ने, कुछ यूँ तब्दील रिश्ते कर दिये….
देखते ही देखते भाई मेरा, पड़ोसी हो गया….!!!!
तूने तीर चला कर
तूने तीर चला कर फक़त दाद की वसूल……
सीने पे हमने खा के ….ज़माना हिला दिया….
एक और मुलाकात
एक और मुलाकात के बहाने की ख़ातिर
छुपाकर उनका रूमाल अपने पास रख लिया…!!
एक सवाल पूछती है
एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर,
मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर…!
ज़िंदगी तेरे सफर से
यूँ तो ऐ ज़िंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी।
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे तो कतारें बहुत थी।।